कुंभ मेले के कवरेज में आपने कई बार देखा होगा कि नागा बाबा कपड़े नहीं पहनते हैं और पूरे शरीर पर राख लपेटकर घूमते हैं। उन्हे किसी की कोई शर्म या हया नहीं होती है वो उसी रूप में मस्त रहते हैं।
नागा साधु हिन्दू धर्मावलम्बी साधु हैं जो कि नग्न रहने तथा युद्ध कला में माहिर होने के लिये प्रसिद्ध हैं। ये विभिन्न अखाड़ों में रहते हैं जिनकी परम्परा आदिगुरु शंकराचार्य द्वारा की गयी थी।
1. नागा शब्द का अर्थ ही होता है नंगा। ये साधु पूरी तरह नग्न अवस्था में रहते हैं और यही इनकी पहचान है। वे स्वयं को ईश्वर का देवदूत मानते हैं और उनकी उपासना में खुद को लीन कर लेते हैं कि उन्हे कपड़ों से कोई मतलब नहीं होता है।
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