सवाल: मुझे एक लड़की में दिलचस्पी है और मैंने उसे पिछले महीने प्रपोज किया। लेकिन तभी से वो मुझसे दूर भाग रही है।
हम अच्छे दोस्त रहे है और हमारे बाकि के दोस्तों के साथ हम एक साथ घूमा फिरा भी करते थे। हम काफी नज़दीकी दोस्त रहे है. मैं उसे बहुत पसंद करता हूँ और उसके साथ रिश्ता बनाना चाहता हूँ। उसका अभी का बर्ताव मुझे बहुत परेशान कर रहा है। में क्या करूँ? कार्तिक, लखनऊ
में यहाँ मज़ाक नहीं कर रही। पुत्तर, मुझे लगता है तुझे अपने सवाल का जवाब खुद पता है। है ना? अगर ज़िन्दगी इतनी सरल होती की जिसे हम बहुत चाहते हैं वो भी वापस हमें उतना ही चाहे तो मैं ये जॉर्ज क्लूनी के बेडरूम से लिख रही होती। हाय, जॉर्ज क्लूनी का नाम लेते ही दिल धड़क जाता है मेरा तो। खैर, फिलहाल, तो मैं चंडीगढ़ के सेक्टर १८ मैं ही बैठी हूँ।
हम ना असल दुनिए में रहते है पुत्तर जी। बैठ जा, गहरी सांस ले और आगे पढ़। चल इस हालत को एक असल मौका देते है। सबसे पहला कदम होना चाहिए ये जानने का की वो तेरे बारे में क्या सोचती है।
तुझे लगता है वो तुझसे दूर भाग रही है। हम्म्म्म... इस बात से काफी कुछ पता चलता है। है की नहीं? शायद वो तेरे आस पास बैचैन महसूस कर रही हो। शायद उससे पता नहीं की इस स्तिथि में वो क्या करे?
दुविधा
तू अपने आप को उस लड़की की जगह रख कर सोच। अगर तेरी कोई बहुत नज़दीकी दोस्त, जो सिर्फ तेरी दोस्त है, अचानक ये बताये की उसको तुझसे प्यार है तो तेरा क्या रीऐक्शन होगा?
भावनाए ना दुविधा, अपराध बोध, चिढ और डर की तरह हमारे दिमाग में पैदा हो जाती है। यहीं सब कुछ उसके साथ भी हो रहा होगा। तो इसमें अचम्बे वाली बात नहीं है की वो तुझसे दूर भाग रही है।
पुत्तर, तेरा दिल तोड़ने के लिए माफ़ चाहती हूँ, लेकिन ये स्तिथि अब शायद कण्ट्रोल के बाहर है। कभी कभी ना हम दोस्ती और प्यार में फर्क नहीं कर पाते और कन्फ्यूज़ हो जाते है। लेकिन दिल तो टूटता है फ़िर से जुड़ने के लिए।
कम से कम तू उसे बता तो पाया ना की तू उसके बारे में कैसा महसूस करता है। जैसे की ये वेबसाइट कहती है - लव मैटर्स। और जैसे की टेनीसन ने कहा है, "बाज़ी खेल कर हारना ज़यादा अच्छा है बजाये की कभी बाज़ी खेली ही ना जाए"
उसको थोड़ी जगह दो
स्तिथि अभी थोड़ी खतरनाक है और ये सबसे अच्छा मौका है तेरे लिए अपने लखनवी मिजाज़ दिखाने का। तेरे पास सबसे अच्छा अवसर है अपनी इस सपनो की साथी से सीधी बात करने का और उसको ये बताने का की तू सनकी नहीं है। अगर ये नहीं होना था, तो शायद नहीं होना था। उसको थोड़ी जगह दे जैसा वो चाहती है वैसा बर्ताव करने का और वो खुद ये तय कर लेगी की उसे तुझसे दोस्ती रखनी है या नहीं।
अपने आप को उस पे मत थोप और दुर्भावना रखने की या ज्यादा समझाने की ज़रूरत नहीं। तू इससे ज़्यादा अच्छा और प्रभावशाली बनकर निकलेगा। और फ़िर क्या पता तेरा रिश्ता इस लड़की के साथ ज़्यादा मज़बूत बन जाये। बस इस से ज़्यादा कोई उम्मीद मत रख।
मुझे पता है तुझे बहुत दुःख हो रहा होगा पुत्तर। लेकिन तू मेरा विश्वास कर, सब ठीक हो जायेगा। अरे अपने भारत में सौ मिलियन अकेली लड़कियां है। शेर मेरे, अपना दिल किसी दूसरी को दे। और देख अब तो गर्मी भी शुरू हो गयी है. रूहअफज़ा की बोतल ले और ठंडा हो जा।
http://sevenarticle.com/article_detail.php?article_id=331b9d9e
No comments:
Post a Comment