आचार्य चाणक्य ने अपने पूरे जीवन में लोगों को श्रेष्ठ और उतकृष्ट जीवन की तमाम शैलियों से वाकिफ कराया। उन्होंने लोगों को कुछ ऐसी गूढ़ बातें बताई हैं जिन्हें मानकर आज भी लोगों का उद्धार हो जाता है। आचार्य चाणक्य यूं तो कूटनीति के बहुत बड़े ज्ञाता थे लेकिन उन्होंने सहज मानवीय व्यवहारों से जुड़ी ऐसी बातें भी दुनिया के सामने रखी हैं जो सुनने में तो छोटी लगती हैं लेकिन ये काफी गंभीर और तह तक चोट करने वाली हैं। तो जानिए आचार्य चाणक्य के मुताबिक किन के बीच में कभी भी नहीं पड़ना चाहिए।
कभी भी पति और पत्नी के बीच में न आएं-
जब पति पत्नी खड़े हों एक दूसरे से बातचीत कर रहे हों तो ऐसे में दोनों के बीच से नहीं निकलना चाहिए, क्योंकि ऐसा करना अनुचित माना जाता है। आचार्य ने ऐसा कोई भी काम करने से मना किया है।
दो ज्ञानी लोगों के बीच में कभी न पड़ें-
आचार्य चाणक्य का कहना है कि जब दो ज्ञानी पुरुष या ब्राह्मण बात कर रहे हैं तो किसी को भी उनके बीच में नहीं आना चाहिए। क्योंकि जब दो ज्ञानी बात करते हैं तो सिर्फ ज्ञान की ही चर्चा होती है और ऐसे में उन्हें टोकना कदापि उचित नहीं होता है।
ब्राह्मण और अग्नि से बीच भूलकर भी न आएं-
आचार्य का कहना था कि जब कोई ब्राह्मण व्यक्ति अग्नि के पास बैठा हो यानी अगर कोई ब्राह्मण हवन कर रहा हो तो ब्राह्मण और अग्नि के बीच से कभी भूल के भी नहीं गुजरना चाहिए। क्योंकि हमारे ऐसा करने से उसका हवन अधूरा रह सकता है और यह बात किसी भी सूरत में उचित नहीं है।
मालिक और नौकर की बातचीत में भी कभी न पड़ें
कौटिल्य के नाम से जाने जाने वाले आचार्य चाणक्य ने कहा था कि जब कोई मालिक और उनका सेवक बातचीत कर रहे हों तो भी कभी उनके बीच में नहीं आना चाहिए। उनका मानना था कि दोनों के बीच का संवाद बाधित करने से वह कार्य अधूरा रह सकता है जिसे कोई स्वामी अपने सेवक से पूरा कराना चाहता है।
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