हर किसी को सुनाई देती है अजान और मंत्रों की गूंज, पाकिस्तान में भी हनुमान और मां दुर्गा को पूजा जाता है।’ यह हैरान करने की बात है कि भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष देश में ऊं के उच्चारण पर एक खास संप्रदाय को एतराज हो जाता है, वहीं दुनिया के नक्शे पर एक ऐसा देश भी हैं जहां मुसलमान मंदिरों में मां दुर्गा की आरती करते हैं। हालांकि यह मानना बेहद मुश्किल है, लेकिन चंद फीसदी हिंदू आबादी वाले पाकिस्तान में भी महाभारत काल के हिन्दू-मंदिर मौजूद हैं। मुल्क के 26 अलग-अलग राज्यों में मां दुर्गा से लेकर हनुमान के मंदिर हैं।
आकंड़ों के हिसाब से पाकिस्तान में सिर्फ 2 फीसदी हिन्दू रहते हैं। साल 1947 तक यहां पर लगभग 300 मंदिर थे, मगर साल 1992 में बाबरी मस्जिद विवाद के कारण बहुत से मंदिरों को गिरा दिया गया। इसके बावजूद कुछ मंदिरों पर हर किसी की आस्था बनी हुई है। इन मंदिरों में मुस्लिम और सिख लोग भी जाते है और अपने हिंदू भाइयों के अधिकारों के लिए लड़ते भी है। आइए जानते है पाकिस्तान में मौजूद कुछ हिन्दू मंदिरों के बारे में।
हिंगलाज माता मंदिर, बलूचिस्तान:
हिंगलाज माता मंदिर, माता सती का सबसे प्रसिद्ध शक्ति पीठ है। गुफा मंदिर बलूचिस्तान में हिंगोल नदी पर स्थित है और यह 'हिंगलाज देवी' के रूप में भी जाना जाता है। इस मंदिर के साथ कुछ पौराणिक कथाएं जपुड़ी हुई है। ऐसा कहा जाता है कि सती के पिता प्रजापति दक्ष को सती और शिव की शादी मंजूर नहीं थी। जिस वजह से उन्होंने एक बड़े यज्ञ में सती और शिव को आमंत्रित नहीं किया। आमंत्रित न किए जाने के बावजूद भी सती अपने पति शिव के साथ वहां गई जिस पर प्रजापति दक्ष ने उनका बहुत अपमान किया। अपमान न सहन कर पाने पर पर सती ने यज्ञ में कूद कर आत्महत्या कर ली। परंतु उनका शरीर नहीं जला।
सती के शरीर को लेकर शिव ने संसार के तब तक चक्कर लगाए जब तक उन्हें भगवान विष्णु नहीं मिले। भगवान विष्णु से मिलने पर विष्णु ने सती के शरीर के 52 टुकड़े किए जिसे संसार के 52 जगहों पर गिराया गया। सती के शरीर के ये टुकड़े जिस भी जगह पर गिरे उन जगह को शक्ति पीठ के नाम से जाने जाता है। सती का सिर बलूचिस्तान के हिंगलाज मंदिर में गिरा था जिसे शक्ति पीठ के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर को हिन्दुओं और मुसलमानो द्वारा उच्च सम्मान दिया गया है। एक ओर जहां हिंदु इस मंदिर को 'शक्ति पीठ' या 'देवी मंदिर' कहते है, वहीं दूसरी ओर मुसलमान इसे 'नानी' या 'बीबी नानी' का मंदिर कहते हैं।
कटासराज मन्दिर, पंजाब प्रांत, पाकिस्तान:
यह मंदिर पाकिस्तान में पंजाब के चकवाल जिले में है। और महाभारत के समय से है। ऐसा माना जाता है कि अपने 14 वर्ष के वनवास के दौरान पांड़व यहीं पर आए थे। और यहां पर वह 4 साल तक रहे। इस मंदिर के बारे में यह बताया जाता है कि एक बार शिव ने सती को खो दिया था जिस वजह से वह बहुत रोए जिस कारण उनके आंसू से वहां एक तालाब बन गया। आज यह मंदिर देश के तबाह राज्य में स्थित है लेकिन ऐसा माना जाता है कि किसी खास दिन इस तालाब में डूबकी लगाने से सारे पापों से मुक्ति मिल जाती है।
पंचमुखी हनुमान मंदिर, कराची:
कराची के सैनिक बाजार में स्थित श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर भगवान हनुमान का 1500 साल पुराना मंदिर है। यह मंदिर भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है। यह स्वभावि्क रूप में बनी है जिसे मानव द्वारा निर्मित नहीं किया गया है। इस मूर्ति की ऊँचाई 8 फुट है। बाबरी मस्जिद विरवाद में जब मंदिरों को गिराया जा रहा था तो केवल पयह मंदिर ऐसा था जिसे गिराया नहीं गया। हालांकि बाद में इसके निर्माण कार्य को रोक दिया गया था।
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