यदि आप पेट और जांघों की चर्बी से परेशान हैं और इसे ख़तम कर एब्स बनाना चाहते हैं तो आपके लिए कुछ योगासन फायदेमंद हो सकते हैं।1. एब्स के लिए योगासन
यदि आप पेट और जांघों की चर्बी से परेशान हैं और इसे ख़तम कर एब्स बनाना चाहते हैं तो आपके लिए कुछ योगासन फायदेमंद हो सकते हैं। तो पेट की बढ़ी चर्बी यानी टमी आपके सुंदर फिगर को खराब करे, इससे पहले शुरू कर दें ये कुछ खास योगासन।
2. कपाल भाति
कपाल भाति क्रिया करने के लिए समतल स्थान पर आसन में बैठ जाएं। अब पेट को ढीला छोड़ दें और तेजी से सांस बाहर निकालें और पेट को भीतर की ओर खींचें। हां सांस को बाहर छोड़ते और पेट को भीतर की ओर खींचने के बीच सामंजस्य रखें। शुरुआत में दस बार यह क्रिया करें, और फिर धीरे-धीरे 60 तक बढ़ा दें। बीच-बीच में विश्राम लेते रहें। कपाल भाति से फेफड़े के निचले हिस्से की प्रयुक्त हवा एवं कार्बनडाइ ऑक्साइड बाहर निकल जाती है और पेट पर जमी फालतू चर्बी खत्म होती है।
3. नौकासन
इस आसन में शरीर का आकार नौका जैसा बन जाता है इसलिए ही इसे नौकासन कहते हैं। नौकासन करने के लिए मैट पर पीठ के बल सीधे लेट जाएं। फिर सांस लेते हुए दोनों पैर ऊपर उठाएं और दोनों हाथों से पैर के पंजों को छूने का प्रयास करें। यानी पैरों को जमीन से 45-50 डिग्री एंगल पर उठाना होता है। कुछ सेकंड इस स्थिति में रहने के बाद सांस छोड़ते हुए सीधे लेट जाएं। तकरीबन 15 सेकंड के अंतर पर इस प्रक्रिया को लगभग पांच बार दोहराएं और धीरे-धीरे इसकी संख्या बढ़ाते जाएं। इसे अधिकतम 30 बार किया जा सकता है। लेकिन रीढ़ की हड्डी से जुड़ी समस्या या फिर रक्तचाप के मरीज इस आसन को डॉक्टरी से सलाह लेकर ही करें।
4. सेतु बंध सर्वांगासन
सेतु बंध सर्वांगासन करने के लिए पीठ के बल सीधा लेट जाएं, और दोनों हाथों को शरीर के बगल में सीधे रख लें। अब हथेलियों को जमीन पर सटाकर रखें। और दोनों घुटों को मोड़ लें जिससे सिर्फ तलवे ही जमीन से छू पाएं। इसके बाद सांस भरते हुए कमर को ऊपर उठाने का प्रयास करें। कोशिश करें कि सीना ठुड्डी को छी जाए। कुछ सेकंड बाद कमर नीचे लाएं और वापस पीठे के बल सीधे लेट जाएं।
5. भुजंगासन
भुजंगा, जिसे अंग्रेजी भाषा में कोबरा कहा जाता है। और चूंकि यह दिखने में फन फैलाए एक सांप जैसा होता है इसलिए इसे भुजंगासन कहा जाता है। इसे करने के लिए पेट के बल जमीन पर लेट जाएं और फिर अपने दोनों हाथों के सहारे कमर से ऊपरी हिस्से को ऊपर की ओर उठाएं। लेकिन ध्यान रहे कि हथेली खुली और जमीन पर फैली और कोहनियां मुड़ी होनी चाहिए। इसके बाद शरीर के बाकी हिस्से को बिना हिलाए-डुलाए चेहरे को बिल्कुल ऊपर की ओर करें। कुछ समय के लिए इस स्थिति में रहें और फिर वापस आ जाएं।
6. विपरीत शलभासन
भुजंगासन के बाद शलभासन किया जाता है। भुजंगासन में जहां गर्दन, सीने और मेरुदंड को ऊपर उठाकर सर्प का आकार बयाया जाता है, वहीं शलभासन में इसके उलट पैरों को ऊपर उठा कर पतंगे का आकार दिया जाता है। शलभासन में सीना, पेट, ठुड्डी जमीन से छूते हैं। शलभासन से मेरुदंड का निचला हिस्सा सक्रिय और लचीला होता है। और वहां के स्नायुओं पर खिचांव पड़ता है। विपरीत शलभासन को शलभासन के विपरीत दिशा में किया जाता है।
7. पश्चिमोत्तानासन
पेट में जमा फैट कम करने और एब्स बनाने के लिए पश्चिमोत्तानासन सबसे उपयोगी आसन है। इसे करने के लिए सीधे बैठ जाएं और दोनों पैरों को सामने की ओर सटाकर सीधा फैला लें। अब दोनों हाथों को ऊपर की ओर उठाएं और कमर को बिल्कुल सीधा करें। इसके बाद झुककर दोनों हाथों से पैरों के दोनों अंगूठे पकड़ने का प्रयास करें। सुनिश्चित करें कि इस दौरान आपके घुटने मुड़ें नहीं और ना ही पैर जमीन से ऊपर उठें। और फिर कुछ सेकंड इस अवस्था में रहने के बाद वापस सामान्य अवस्था में आ जाएं।
8. मर्जरी आसन
मर्जरी आसन करने के लिए जमीन पर पेट के बल सीधे लेट जाएं। हथेलियों को सीधा खुला रखें
और धीरे-धीरे जमीन से ऊपर को उठें। इसके बाद अपनी हथेलियों को कोहनियों, घुटनों व पंजों पर शरीर का भार डालते हुए ऊपर उठाएं। इस दौरान अपनी कमर सीधी रखें। अब जमीन को देखते हुए चेहरा और ठोढ़ी को झुकाएं। इससे आप पैर और लोअर एब्डॉमिन में खिंचाव महसूस करें। 20 से 60 सेकंड इस स्थिति में रुकें। ऐसा 5 बार करें।
9. हस्तपादासन
हस्तपादासन करने के लिए सीधे खड़े हो जाएं और दोनों पैरों की एडियों व पंजों को आपस में मिला लें और फिर दोनों हाथों को ढीला छोड़ दें। इसके बाद सांस बाहर छोड़ते हुए कमर के ऊपरी भाग को धीरे-धीरे सामने की ओर झुकाएं। अपने घुटनों को बिल्कुल सीधा रखें। प्रारम्भ में इसे 10 सेकंड तक करें और फिर सामान्य स्थिति में आकर 5 सेकण्ड आराम करें और इस आसन को कम से कम 5 से 6 बार दोहराएं।
10. बालासन
बालासन करने के लिए शरीर का सारा भार एड़ियों पर डाले। ऐसा करने के लिए घुटने के बल जमीन पर बैठ जाएं और फिर गहरी सांस लेते हुए आगे की ओर झुकें। ऐसे में आपका सीना जांघों से छूना चाहिए। माथे को फर्श से छूने की कोशिश करें। कुछ सेकंड इस अवस्था में रहने के बाद सांस छोड़ते हुए वापस सामान्य अवस्था में आ जाएं।
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